ये बदलाव की घड़ी है जागो सभी नारी, न दरिंदे चाहिए न ही कोई बलात्कारी। ये बदलाव की घड़ी है जागो सभी नारी, न दरिंदे चाहिए न ही कोई बलात्कारी।
यह सब जान लो आज मातृत्व का सम्मान हूँ तदबीर बदल सकती हूँ। यह सब जान लो आज मातृत्व का सम्मान हूँ तदबीर बदल सकती हूँ।
नारी की सुन्दर गरिमा हूँ, प्रकृति की रचनाओं से प्रेरित रचना हूँ, नारी की सुन्दर गरिमा हूँ, प्रकृति की रचनाओं से प्रेरित रचना हूँ,
चलो कदम बढ़ावो रे अबला को सबला बनावो रे। चलो कदम बढ़ावो रे अबला को सबला बनावो रे।
अबला ना रही, तू सबला है तू भारत वर्ष की, नारी है ! अबला ना रही, तू सबला है तू भारत वर्ष की, नारी है !
माना कि,घर चलाने की जिम्मेदारी हूँ पर, कोई वस्तु नहीं मैं नारी हूँ। माना कि,घर चलाने की जिम्मेदारी हूँ पर, कोई वस्तु नहीं मैं नारी हूँ।